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अपर्णा ने सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से अखिलेश यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि उनको जो सीट मिली थी वह सपा की सीट नहीं थी। वह सीट भाजपा-कांग्रेस की मानी जाती थी।
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बता दें कि ये पहला मौका नहीं था जब मुलायम ने बेटे अखिलेश की सबके सामने क्लास लगाई हो। कई मौकों पर वह पूर्व सीएम की क्लास लेते रहते थे। (All Photos: PTI And Social Media)
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अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव की ओर से दो लिस्ट बनी थी, जिसमें टिकट देने वालों के नाम फाइनल हुए थे।
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साधना गुप्ता ने खुलकर कहा था कि वह अपने बेटे प्रतीक यादव को राजनेता के रूप में देखना चाहती हैं। वह तो राजनीति नहीं कर सकीं, लेकिन बेटे को राजनीति में भेजेंगी।
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रीता बहुगुणा के सामने अपर्णा यादव को खड़ा किया गया था। लखनऊ विधानसभा सीट सपा के खाते में कभी नहीं आती थी। ऐसे में इस सीट से अपर्णा की हार पहले से ही तय मानी जा रही थी।
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अपर्णा ने बताया कि बाद में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और मुलायम के कहने पर वह चुनाव के लिए राजी हुई थीं। (यह भी पढ़ें: <a href="https://www.jansatta.com/photos/picture-gallery/mulayam-singh-yadav-daughter-in-law-dimple-yadav-akhilesh-yadav-wife-is-angriest-person-of-family-but-excellent-cook-also/1758735/">मुलायम सिंह की फैमिली में सबसे ज्यादा गुस्सैल हैं डिंपल यादव, लेकिन एक मामले में हैं लाजवाब</a> )
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अपर्णा ने बताया कि जब वह चुनाव के लिए राजी हुईं तो उनको टिकट मिल गया था। अपर्णा ने माना था कि उनके ससुर और जेठ के बीच वैचारिक मतभेद थे।(All Photos: Social Media)
